शहर की हवा में खुशबू सी है
लगता है तु आस-पास कहीं है
सितारे भी आज ज्यादा चमक रहे हैं
अपनी मस्ती में परिंदे चहक रहे हैं
मेरा वहम है या सब सही है
लगता है तूँ आस-पास कहीं है
आज छत पर ठंडी हवा कैसे चल रही है
ये फूलों की डाल अपने आप क्यों खिल रही है
मौसम बदल गया या तबियत में कोई कमी है
लगता है तूँ आस-पास कहीं है
ये फ़िज़ा अपना रंग कब तक दिखाएगी
इंतेजार में हूँ,तूँ नज़र कब आएगी
"गुरू"को शुरू से तुम्हारी ज़रूरत रही है
अहसास होता है तूँ, आस-पास कहीं है।
तेरी मौजूदगी इस मौसम में शुमार तो है
इस दूरी में भी मुझे तुमसे प्यार तो है
मैं भी सही हूँ,मौसम भी सही है
ये दावा है तूँ आस-पास कहीं है
लगता है तु आस-पास कहीं है
सितारे भी आज ज्यादा चमक रहे हैं
अपनी मस्ती में परिंदे चहक रहे हैं
मेरा वहम है या सब सही है
लगता है तूँ आस-पास कहीं है
आज छत पर ठंडी हवा कैसे चल रही है
ये फूलों की डाल अपने आप क्यों खिल रही है
मौसम बदल गया या तबियत में कोई कमी है
लगता है तूँ आस-पास कहीं है
ये फ़िज़ा अपना रंग कब तक दिखाएगी
इंतेजार में हूँ,तूँ नज़र कब आएगी
"गुरू"को शुरू से तुम्हारी ज़रूरत रही है
अहसास होता है तूँ, आस-पास कहीं है।
तेरी मौजूदगी इस मौसम में शुमार तो है
इस दूरी में भी मुझे तुमसे प्यार तो है
मैं भी सही हूँ,मौसम भी सही है
ये दावा है तूँ आस-पास कहीं है