Friday 8 July 2022

सारी उम्र तुम्हें मेरी कमी रहे..sari umr tumhe meri kmi rahe…a poem bu “Guru”

 होंठो पर मुस्कान ,आँखो में नमी रहे

सारी उम्र तुम्हें मेरी कमी रहे


जुग-जुग जीयो तुम,उम्र लम्बी रहे

ताउम्र ज़िंदगी में मेरी कमी रहे


दो तारीफ़ों में आसमाँ उड़ना है तो उड़ो

बेहतर होगा पैरों तले जमीं रहें


हर साल नए रिश्ते में ना बंधो पगली

मेरी चाहत बनी रहे,तेरी इज्जत बनी रहे


ख़ुदा करे तुम्हारी उम्र बहुत लम्बी रहे

सारी उम्र तुझे मेरी कमी रहे