Thursday 10 August 2023

हर ग़ज़ल तेरी याद है….

ग़ज़ल में छिपी एक बात है 
हर ग़ज़ल तेरी याद है 

आँसू से भरे मेरे महखाने
तुझसे ही आबाद है 

दूर होकर रोना कैसा 
अब तो तूँ आज़ाद है 

सबसे अज़ीज़ हसरत मेरी 
गिनती में वो भी तेरे बाद है 

हर एक ग़ज़ल में दर्द लिखा है 
लफ़्ज़ तेरे,मेरा हाथ है 

उस से होगा रिश्ता तेरा 
“गुरु” से तो जज़्बात है…

Friday 4 August 2023

ये मेरे किस काम की….

श्लोक,बाईबल,ग्रंथ, किताबें क़ुरान की

इनमें तुम नहीं तो ये मेरे किस काम की


ये गाँजा,अफ़ीम,पोस्त,ये भाँग-ए-शराब

मुझे बहुत है ज़ाम-ए-चुस्की तेरे नाम की 


चंदा,सितारे,दौलत , मुबारक तुम्हें 

तूँ-मैं और एक चाय,इतनी सी कीमत मेरी शाम की 


तेरी झूठी मोहब्बत तुमको मुबारक पुराने महबूब मेरे 

“गुरु“को नहीं चाहिए मोहब्बत हराम की….