Saturday 13 February 2016

मेरी कोई तमन्ना...

मेरी कोई भी तमन्ना कभी पूरी नहीं होती
क्योंकि मेरी हर तमन्ना का आखिरी हिस्सा तुम हो...

मेरे अंदर का बचपन मेरे इर्द गिर्द रहता है
मेरी प्रेम कथा पूरी करूँ,बस यही कहता है
पूरी कैसे करूँ,,, मेरी प्रेम कथा का आखिरी किस्सा तुम हो...

सबसे रिश्ता तोड़ लो,कहते हैं प्रेम दीवाने
मेरे मुकद्दर की मैं जानू, वो क्या जाने
किस से जोडूं,किस से तोडूं,मेरा हर रिश्ता तुम हो...

किस से क्या कहूँ,क्या हुआ मेरे प्रेम इम्तिहान का
धीरज में लूट गया,क्या फायदा हुआ इत्मिनान का
क्या इत्मीनान,क्या इमतिहां,मेरे प्रेम का नतीजा तुम हो....

यादो में यो ही रहना

चले जाना जब भी चाहो,मगर यादो में यो ही रहना
दिल में याद रखना,भले जुबान से कुछ ना कहना

चलो इतना ही सही के तुममे मेरा रुझान तो है
पल भर ही सही,तुमको मेरा ध्यान तो है
बह जाना गैरो की मोहब्बत में,मेरे अश्को में न बहना

दीदार इतना ही काफी है के जी भर देख लूँ तुम्हे
निगाह में ख्वाब तेरे,लबो पे तेरे लब मिले मुझे
बाकि तुम्हारे पास मेरे ख़त है जो उनको जला देना

ऐसा मुमकिन तो नहीं की तुम्हे कभी मेरी याद आ जाये
बह करके अश्क़ तेरी आँखों से गालो पे आ जाये...
जैसे तैसे भी हो प्यार से खुदको समझा लेना.....

हालात से करने पड़ते है कई बार कई समझोते...

दुनिया में सीखा मैंने बस इतना ही हंसते रोते
हालात से करने पड़ते हैं कई बार कई समझोते

दामन भर ना सही लेकिन खुशियो  के दो पल ही सही
तेरे मेरे प्यार के संग में बीते होते......
हालात से करने पड़ते हैं कई बार कई समझोते


मेरे स्वभाव की शालीनता मेरी चंचलता को छिपाती है
मैं हंसता हूँ,मुस्काता हूँ,आंसू से चेहरा धोते धोते
हालात से करने पड़ते हैं कई बार कई समझोते


हर सपने को गोद उठाकर प्यार से समझाना पड़ता है
नींद में देखे सारे ख्वाब पूरे नहीं होते
हालात से करने पड़ते हैं कई बार कई समझोते


घर बार,हसरत,सपने,मेरा महबूब तक मुझसे छीन लिया
ना दुनिया ना दौलत,बस काश वो मेरे होते.....
हालात से करने पड़ते हैं कई बार कई समझोते.....