Tuesday 28 February 2017

मेरे दिल के हर कोने में शोना तेरी याद बसी

मेरे दिल के हर कोने में,शोना तेरी याद बसी है
जिंदगी तो तेरे संग थी,मौत तेरे बाद बची है


तुम जब सबसे छिप छिपकर घर मिलने मुझसे आती थी
कोयल जैसे कूकती,चिड़िया सी चहचहाती थी
कमरे,रसोई,बरामदा,सबमे तुमसे मुलाकात बसी है
मेरे दिल के हर कोने में,शोना तेरी याद बसी है


हम दोनो के घर के चौबारों ने तो खुद में एक इतिहास रचा है
घर भले ही दूर हमारे,चौबारों ने हमको पास रखा है
मेरे घर की सब दीवारों में तेरे हंसने की आवाज बसी है
मेरे दिल के हर कोने में शोना तेरी याद बसी है


अब तक सब अपनी मर्जी थी,या समझो मजबूरी थी सब
बिना मंज़िल के खत्म हुए आकर अपने रास्ते अब
भली-बुरी जैसी भी है,जिंदगी अपने हाथ बची है
मेरे दिल के हर कोने में शोना तेरी याद बसी है

तेरे जाने के बाद तो दुनिया सी बर्बाद हुई है
कभी खत्म ना होने वाली सबसे काली रात हुई है
"गुरू"के पास तो अब खाली कुछ तस्वीरों की सौगात बची है

मेरे दिल के हर कोने में शोना तेरी याद बसी है।।।।।।