मेरी याद तुम्हे रुलायेगी ज़रूर
मेरे फोन पर तुम्हारी काल आएगी जरूर
यादों को ज़ंग नही लगता
बात तुम्हे समझ आएगी ज़रूर
गिले-शिकवे,रुसवाईयाँ लाख मुझसे
भूल के एक दिल मुझे मनाएगी ज़रूर
प्रेम या नफरत,जो रिश्ता मुनासिब मुझसे
नाम मेरा सुनकर मुस्कुराएगी ज़रूर
एक पल ऐसा भी आएगा ,वादा है तुझसे
"गुरू"के लिखे गीत गुन-गुनाएगी ज़रूर
"गुरू"