Tuesday, 18 July 2023

आँखों में ज़हर है…

अलबेला मौसम,अनजाना शहर है
कप में चाय,आँखों में ज़हर है 

बिखरे बाल,खुले बटन,चढ़ी बाजूएँ
सफ़ेद शर्ट पर तेरी घड़ी क़हर है

धीमी बरसात,हल्के बादल,ठंडी हवा 
मीठी चाय में तेरी याद कड़वा ज़हर है

यूँ छत पर तेरा बिना बोले आ जाना “गुरु”
मानो गर्म रेत पर ठंडी सागर की लहर है