ना नींद हुई पूरी मेरी, ना पेट भर खाया
इतवार है ,,,,उसका फ़ोन नही आया
कुछ ज़रूरी काम आया होगा
या देर से जग पाई होगी
नहीं तो कोई रिश्तेदार आ गया होगा
या तबियत बिगड़ आई होगी
ना आँख मेरी चमकी,ना चेहरा खिलखिलाया
इतवार है ,,,,उसका फ़ोन नही आया
शायद कहीं बाहर गई होगी
परिवार के साथ रही होगी
इसी के रहते फ़ोन नहीं कर पाई होगी
मुमकिन नहीं कि उसे याद ना आई होगी
ना फ़ोन बजा मेरा,ना दरवाज़ा खटखटाया
इतवार है ,,,,उसका फ़ोन नही आया
शायद काम में खो गई होगी
थककर सो गई होगी
लेकर करवट जब उसने बाहें जोड़ी हैं
नींद आ गई इसमें उसकी गलती थोड़ी है
चाह तो रही होगी,बस टाइम नहीं लग पाया
इतवार है,,,उसका फ़ोन नही आया
हो सकता है फ़ोन ख़राब हो गया हो
या सुबह से घर बिजली ना आई हो
शायद नेटवर्क की दिक़्क़त होगी
या फ़ोन चार्ज ना कर पाई हो
शायद आज उसका फ़ोन चार्ज नहीं हो पाया
पहला इतवार है जब उसका फ़ोन नही आया
“गुरु” ख़ुद को ये दिलासे कब तक देते रहोगे
ख़ुद ही ख़ुद को कब तक ऐसे समझाते रहोगे
आदत के ये बहाने सोमवार तक चलेंगे
उम्मीद है कि कल उनकी आवाज़ हम सुनेंगे
मेरे पगले दिल को मै ख़ुद ना समझा पाया
पहला इतवार है जब उसका फ़ोन नही आया