Tuesday 2 June 2015

यादो में रो रहा हूँ.....

आज फिर तेरी याद में रो रहा हूँ
तकिये को सीने से लगाकर सो रहा हूँ........

तू ख्वाबो में आये और ताउम्र सोऊँ मैं
रौशनी खोकर अँधेरे में खो रहा हूँ मैँ........

सम्मोहन में अगर सारी उम्र बीत जाऊं
तेरी याद में खुद को मोह रहा हूँ.....

मेरे जेहन में हैं तेरी नित्य गहरी होती परछाइयाँ
मैं मेरे जेहन को आंसुओ से धो रहा हूँ.......।...