Tuesday 1 August 2017

बस तेरी कमी के साथ..

पूरा आसमा मिला,मगर गीली ज़मीन के साथ
ये खेल खेलना था खुदा ने हम ही के साथ
कहने को देने वाले ने कोई कसर नही छोड़ी
सब कुछ दिया बस ....तेरी कमी के साथ

इस ज़मीं पर मुझसा दूसरा खुदा ने बनाया न होगा
मुझ जैसी तकदीर का हिस्सा किसी पर आजमाया नही होगा
अपने आप को किसी शहजादे से कम नहीं आंकता हूँ मैं
होंठो पर हंसी रखता हूँ,आँखों में नमी के साथ

 तेरी भी मुझसे ज्यादा किसी से बनती नहीं होगी
जोड़ी सिवा मेरे किसी से जचती भी नहीं होगी
तूँ आज भी मुझसे ज्यादा किसी को नही चाहती
जिंदगी गुजरेगी अब इसी गलत फहमी के के साथ

 कभी तो फोन कर खबर जान "गुरू"की
तुमने खत्म की मोहब्बत जो मैंने शुरू की
तेरी मज़बूरियों पर तो सो बार पर्दा किया था मैंने
मेरा ही दामन जला डाला तूने बड़ी बेरहमी के साथ