भूला नहीं हूँ
भूला नहीं हूँ
जल्द आऊँगा
मैं भी….मेरा फ़ोन भी….
हालत थोड़े जकड़े हुए हैं
कसके पकड़े हुए हैं,,,,
याद दोनों को आती है
मेरा और तुम्हारा
दिल दोनों के धड़के हुए हैं,,,
बताऊँगा तो समझ जाओगी
मुझे भी,,,,,और
मेरा दृष्टिकोण भी,,,,,,
जल्द आएगा
“गुरु”भी,,,,
और फ़ोन भी,,,,
बाहर हूँ,,,
शायद इसलिए कि कुछ
अच्छा हो सके
मिल सकें,,,
एक-दूसरे में खो सकें,,,
एक होकर;
लिपटकर सो सकें
उम्मीद है तुम समझ गई होगी
मेरे शब्द भी,,,
मेरा मौन भी,,,,
जल्द आएगा
“गुरु” भी,,,
“गुरु”का फ़ोन भी,,,