Monday 18 October 2021

एक पुरानी तस्वीर…(ek purani tasveer) by guru


एक पुरानी तस्वीर...


जिसमे तुम नही हो....पर हो

और मैं हूँ तो सही...पर नही हूँ


सालों पुरानी ये तस्वीर ,तुमसे रिश्ते की याद है

पुरानी है...खास है...

इसी तस्वीर को तुमने सबसे पहले देखा था

यही मेरे लिए बहुत बड़ी बात है


तुम रस्ता भूल गई..मैं आज भी वहीं हूँ ...


एक पुरानी तस्वीर...


जिसमे तुम नही हो....पर हो

और मैं हूँ तो सही...पर नही हूँ


तुम...आज भी फोन की गैलरी में समाई हो

क्यों????क्या?? कभी समझ पाई हो??

इस फोन के पासवर्ड के अंदर का धन हो तुम

बड़े प्यार से छिपाई  हो


मेरे नैनो की हर तस्वीर में....मेरी तकदीर में

तुम नही हो....पर हो

और "गुरू" है तो सही...पर नही है....


Friday 8 October 2021

इश्क़ की ग़लतियाँ (ishq ki galtiyan) by guru




इश्क़ में एक गलती भारी,और हम चार कर बैठे
एक बारी ही न संभले,हम कई बार कर बैठे…

हमने पहली गलती की,तुम्हें अपना बनाने की
प्यार जताने की,,सारे राज़ बताने की…
मगर तुम तो बस….तुम निकले
किसी मौक़े कसर छोड़ी नहीं,हमें नौच खाने की

ख़ता सारी भूलकर तुम पर एतबार कर बैठे
इश्क़ में एक गलती भारी,और हम चार कर बैठे

दूसरी गलती ये कर दी, कि एक बेवफ़ा को माफ़ कर दिया 
सब गुनाह भूले,पिछला सब साफ़ कर दिया
मगर तुम तो…..तुम्हीं निकले
वफ़ा को बेवफ़ा करके फिर से सब राख कर दिया

सौ बार वजह पूछी,पर तुम इंकार कर बैठे
इश्क़ में एक गलती भारी,और हम चार कर बैठे

गलती तीसरी ये थी,तेरे आंसू को सच जाना
तुम्हें परखा नहीं फिर से,तेरी बातों को सच माना
मगर तुम तो….फिर से तुम निकले…
सो हमने ही सही समझा…तेरे रस्ते से हट जाना

ख़ुद अपनी ही नज़रों में गुनहेगार बन बैठे…
इश्क़ में एक गलती भारी,और हम चार कर बैठे

ख़ता ये आख़री समझी,”गुरू” तुमको भुला नहीं पाया
तुमने अपनाया नहीं दिल से,और मैं ठुकरा नहीं पाया
सच में……तुम तो…..बस तुम ही हो….
तुम जैसी ढूँढ नहीं पाया,,किसी को अपना नहीं पाया

ज़िंदगी भूलकर सारी…मोहब्बत फिर एक बार कर बैठे
इश्क़ में एक गलती भारी,और हम चार कर बैठे….