दिल में जुड़ते रिश्तों पर होता है आघात
मन में धर लेता जब कोई,कही सुनी सी बातरिश्तों में चमकता प्यार कभी,कभी अँधेरी रात
आँखों ही आँखों बतियाते,दिल की ये करामात
साजन के घर जाना कभी,ले खुशियों की बारात
सम्भव हैं बंट जाएंगे,दिल के दो दो हालात
कांच सा बिखरा दिल प्यारा,प्यार की ये सौगात
ज़नाज़ा कहूँ प्यार का,या आंसुओ की बारात
टूटे दिल मिल जाएँ तो,बंट जायेंगे ज़ज़्बात
कान के कच्चे तोड़े रिश्ते ,कहाँ गया विश्वास।।
"गुरू"