दिल....
Not just a blog...but whole love life of mine
Friday 3 May 2024
Saturday 6 April 2024
चाहते हैं तेरे जैसा होना…!!
छोड़ गुरु दुनिया के ख़यालात पर हैरान होना
ये बुरा भी कहते हैं और चाहते हैं तेरे जैसा होना
सच्ची मोहब्बत बोलकर जान लूटने वाले आशिक़
चाहत सबकी ही वही है; साथ हमबिस्तर होना
साफ़-साफ़ पूछोगे तो मुकर जाएँगे सबके महबूब
हवस को मोहब्बत कह दो;शुरू कर दो साथ सोना
हम साफ़ कहते हैं,चाहत हवस की थी,हवस की है
“गुरु” के बस में नहीं साल भर बोलना बाबू-शौना
Wednesday 20 March 2024
अंदेशा था
अंदेशा था
तुम्हारे आने का
मुँह फुलाने का
चले जाने का
ना कुछ सुनने का
ना कुछ सुनाने का
अंदेशा था आज
तुम्हारे आने का
अंदेशा है
उन पीड़ाओ का
जो सही हैं
किसी ने तन पर
किसी ने मन पर
अंतः सम्मान रखा
मर्यादाओं का
अंदेशा था
तुम्हारे आने का
अंदेशा रहेगा
याद रखने का
वायदों को
ख़त्म कर विवादों को
एक पायदान पर ठहरने का
सब ठीक करने का
प्रयास सफल होगा
समझने का
समझाने का
अंदेशा था मुझे आज
तुम्हारे आने का
तुम्हारे आने का….!!!
Friday 15 March 2024
गुनाह जैसा हो…लानत मिले उसी तरह से
बुरे थे…बुरे हैं…मगर किस वजह से
गुनाह जैसा हो…लानत मिले उसी तरह से
क्या किसी मुसीबत में साथ खड़ा नहीं हूँ
जैसा भी हूँ, यक़ीं मानो..बाप बुरा नहीं हूँ…
क़त्ल की सज़ा ना दो,फ़ख़्त चोरी की वजह से
गुनाह जैसा हो…लानत मिले उसी तरह से
लाचार माता-पिता को मैंने तुमसे ज़्यादा सम्भाला है
उन्होंने अपने घर और दिल से क्यों निकाला है
लाख झगड़े हो मगर हालत बिगड़ने नहीं दिये घरेलू कलह से
गुनाह जैसा हो…लानत मिले उसी तरह से
मौक़ा जब-जब हाथ लगा,तुम तो अपना रौब दिखा बैठे
सात जन्म की बात हुई थी,एक गलती में हाथ छुड़ा बैठे
तुम्हारे बुरे समय में साथ मैं,तुम छोड़ भागे मेरे बुरे समय में
गुनाह जैसा हो…लानत मिले उसी तरह से
तुमने एक को, मैंने घर और व्यापार दोनों को सम्भाला है
कभी कंगाली तो कई बुराइयों से तुम्हें निकाला है
“गुरु” सोच के चुप रहा,क्या मिलेगा इस ज़िरह से
गुनाह जैसा हो…लानत मिले उसी तरह से
Thursday 1 February 2024
हाँ…मैं चाय पीता हूँ
हाँ…मैं चाय पीता हूँ…..
मैं शराब पियूँगा तो
तुम बदनाम हो जाओगी
जीतने झूठ बोल लूँ दुनियाँ को
कारण तुम ही बताई जाओगी
जैसे-तैसे गम पिता हूँ
हाँ…मैं चाय पीता हूँ…..
तुम्हें सोचने से जो सर दर्द होता है
उसकी कोई और दवा हो तो बताओ
सिगरेट पियूँगा तो ज़्यादा खलूँगा तुम्हें
बेहतर है; चाय पीने से मत हटाओ
तुम्हें सोचकर जी लेता हूँ
मैं चाय पीता हूँ…..
गरम चाय का कप जब हाथ लेता हूँ
मानो तुम्हें भी अपने साथ लेता हूँ
आँखें मूँदकर ;पहले नशे सा सूंघकर
होंठों से लगा लेता हूँ
सिप-सिप करके पिता हूँ
हाँ…मैं चाय पीता हूँ…..
पिता हूँ तो पिता हूँ बस
ख़ाली कप भी ख़ाली कहाँ भाता है
मैं चाय को हाँ कह देता हूँ…
जब कोई भी पूछने आता है
कभी-कभार दो कप भी पी लेता हूँ
किसी और के कप में नहीं पीता हूँ
चाय के रंग से मिलते-जुलते
कई कप सँभाल रखे हैं मैंने
रोज़ बदल कर पिता हूँ
हाँ…मैं चाय पीता हूँ…..
कप लेकर छत पर आ जाता हूँ
आँखें बंद करता हूँ; सामने तुमको पाता हूँ
सॉफ्ट-सॉफ्ट से धौखे भरे से
तेरी याद में गीत बजाता हूँ…
साथ में गुन-गुनाता हूँ…
ऊधड़े सपनों को सीता हूँ
हाँ…मैं चाय पीता हूँ…..
Thursday 25 January 2024
चाय….
दिल तेज़ाब बन बैठा
पर पी तेरी याद में चाय
रात भर नींद ना आई
डॉक्टर ने वजह बताई चाय
तेरी तस्वीर छिपाने को
मोबाइल सम्भाल रखा है
पासवर्ड नाम है तेरा
वॉलपेपर भाँप भरी चाय
तेरी आँखों में डूबे इस कदर
चश्मे लगे, सर दर्द बताया ना जाए
दिल में बेचैनी,कमी आई सुकून में
डॉक्टर ने दवा बताई तीन वक्त चाय
तुम हो सामने और ठंड बहुत हो
होंठ काँपे कुछ कहा ना जाये
मनपसंद शख़्स और गर्मा-गर्म चाय
“गुरु” कम है जीतने भी मिल जाये
“गुरू”
Wednesday 20 December 2023
तेरी दी निशानी,मुसीबत तुमसे भी बड़ी
तेरी दी निशानी,मुसीबत तुमसे भी बड़ी
हाथों से निकाली, तो गले में आ पड़ी
मुझे अब तक याद है गहरी सी आँखें तेरी
छोटे-छोटे होंठ,आँखों की भौंहें चढ़ी-चढ़ी
“गुरु” हुए दूर तो जीते जी मर जाऊँगी
सालों पहले किया करती थी बातें बड़ी-बड़ी
तेरी यादों को साथ में बांध रखा है ना चाहकर भी
चाँदी की अंगूठी दी थी तुमने,मैंने बना ली हथकड़ी
तेरे ज़हन में फिर भी फीकी पड़ गई मेरी यादें
सोने सी चमकती निशानी तेरी अब भी मेरे गले में लटकी पड़ी
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अलबेला मौसम,अनजाना शहर है कप में चाय,आँखों में ज़हर है बिखरे बाल,खुले बटन,चढ़ी बाजूएँ सफ़ेद शर्ट पर तेरी घड़ी क़हर है धीमी बरसात,हल्के बादल...
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तेरी क़िस्मत में पक्के थे हम हमे काश बनाने वाले तुम तेरे भोले-भाले आशिक़ थे हम आशिक़ से अय्याश बनाने वाले तुम सामने बैठकर आज तलक भी हमे स...
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देखने मुझे,अपनी छत पे आया करो ढूँढो मुझे,मेरा नाम चिल्लाया करो तुम ऐसा करो,मुझे बदनाम कर दो बहुत कह लिया,अब करके दिखाया करो जेब,फ़ोन,दिल,...