Wednesday 20 March 2024

अंदेशा था

 अंदेशा था

तुम्हारे आने का 

मुँह फुलाने का 

चले जाने का 

ना कुछ सुनने का 

ना कुछ सुनाने का 

अंदेशा था आज

तुम्हारे आने का 


अंदेशा है

उन पीड़ाओ का 

जो सही हैं

किसी ने तन पर 

किसी ने मन पर 

अंतः सम्मान रखा

मर्यादाओं का 

अंदेशा था 

तुम्हारे आने का 


अंदेशा रहेगा 

याद रखने का 

वायदों को

ख़त्म कर विवादों को 

एक पायदान पर ठहरने का 

सब ठीक करने का 

प्रयास सफल होगा 

समझने का 

समझाने का 

अंदेशा था मुझे आज

तुम्हारे आने का 

तुम्हारे आने का….!!!