Sunday 19 December 2021

राज़ पुराना रखा (raj purana rakha) by guru



उसने अपने दिल में छिपाकर राज़ पुराना रखा
नज़रे फेर ली ,पर देखने का अंदाज़ पुराना रखा

ग़ैरों ने रुलाया तो उसे याद हमारी आई
हमने भी फ़ोन कई बदले,पर नम्बर पुराना रखा

वो सालों बाद मुझसे मिली तो भी झगड़ पड़ी 
नई मुलाक़ात का भी उसने आग़ाज़ पुराना रखा

उसने मेरी दी स्वेटर अब तक सम्भाल रखी होगी
मैंने भी कुर्ते का बटन बदला,पर काज पुराना रखा

खुद की ग़लतियों पर वो शर्मिंदा तो बहुत थी
पर“गुरू” ने भी मोहब्बत पर नाज़ पुराना रखा

5 comments:

Unknown said...

बहुत खूबसूरत

bajrang ram natack club said...

Bhut khub

Virender with logics said...

वो बदल गए लेकिन हमने वही अंदाज रखा

Happy Khobra said...

Waaaaaaaaaah

Happy Khobra said...

Waaaaaaaaaah