Monday 28 February 2022

तुझमे कुछ नहीं पगली मुझमे लाख खामियां है (tujhme kuchh nahi pagli mujhme lakh khamiyan hai)

                                                        खामियाँ (khamiyan)


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तुझमे कुछ नहीं पगली मुझमे लाख खामियां है

तेरा जीवन कामयाबी,मेरी किस्मत में नाकामियां है
तुम तो खामखां ही मुझसे बैठी चूं-चूं करती हो
तेरे कदमो में जो दुनियां हैं,वो मेरे ख्वाबो की दुनिया है

तोड़ दुनिया की रस्मो को मैं तुम्हे चाह तो सकता हूँ
जैसे तैसे भी हो सम्भव,मैं तुमको पा तो सकता हूँ
इस रिश्ते को चाहकर के भी मैं सम्भाल नहीं सकता
तुम समझो या ना समझो,मैं तुमको बता तो सकता हूँ

जब चलने की नही हिम्मत,पाँव की जंजीर तब टूटी
जब सबसे ज्यादा जरूरत थी,मेरी उम्मीद तब टूटी
यूँ तो किस्मत पर मुझे ,मेरी पक्का भरोसा था
पर जहाँ सबने मुझे छोड़ा,मेरी किस्मत वहां फूटी

मैं सच सच कह नहीं सकता की तुमसे प्रेम कितना है
मेरी दुनिया है उतनी सी,तेरा आगोश जितना है
तेरी आँखों में आकर अक्सर,कोई आंसू छलका होगा
तेरी दुनिया में मेरा वजूद उस आंसू के जितना है

“गुरू”

4 comments:

Unknown said...

Ultimate sir

Unknown said...

👍

v1 said...

Kya Khobsurat likha Janab ne😇😇

Vikky said...

🙏🙏🙏👍🎈💐