Saturday, 24 August 2024

तेरे घर की छत को देख लिया

 

तेरे घर की छत को देख लिया

महीनों बाद लिखना शुरु किया

 

हम तो चाय छोड़ चुके थे

तुम्हें सोच के फिर बिस्मिल्लाह किया

 

तुमने तो बातें करनी छोड़ ही दी हैं

हमने भी अब आशा करना छोड़ दिया

 

तुमने ऐसी आस तोड़ी  है

"गुरु" छत पर जाना लगभग छोड़ दिया


"गुरु"

 

 

 

 

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