अंदेशा था
तुम्हारे आने का
मुँह फुलाने का
चले जाने का
ना कुछ सुनने का
ना कुछ सुनाने का
अंदेशा था आज
तुम्हारे आने का
अंदेशा है
उन पीड़ाओ का
जो सही हैं
किसी ने तन पर
किसी ने मन पर
अंतः सम्मान रखा
मर्यादाओं का
अंदेशा था
तुम्हारे आने का
अंदेशा रहेगा
याद रखने का
वायदों को
ख़त्म कर विवादों को
एक पायदान पर ठहरने का
सब ठीक करने का
प्रयास सफल होगा
समझने का
समझाने का
अंदेशा था मुझे आज
तुम्हारे आने का
तुम्हारे आने का….!!!
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