Tuesday, 10 June 2025

रिश्ते बने रहे ।।

 

माँ ने सालों तक कपड़े धोए

तह किए,प्रेस किए

रख दिए,पहनने के लिए दिए

कभी जेब नहीं टटोली

धुल न जाए जरूरी कागज़ कोई  

इसलिए जेब मे हाथ भी डाला

कागज़ निकाला

और बिना खोले लौटा दिया

उसी को

जिसकी जेब से निकला था

 

राज बने रहे,रिश्ते बने रहे

माँ बनी रही माँ

जासूस नहीं बनी

 

अक्सर मेरे कमरे का दरवाजा रहा बंद

मैं अकेला कमरे मे रहा नजरबंद

पिता कभी अंदर नहीं आए

जरूरत पड़ी तो मुझे बुलाया

काम बताया,वापस भेज दिया

घर हमेशा उनका रहा

पर कमरा उन्होंने मेरा बनाए रखा

कभी-कभार मेरे बारे मे पूछताछ की

पर कभी खामियाँ जाहीर नहीं की

राज बने रहे,रिश्ते बने रहे

पिता-पिता रहे

जासूस नहीं बने

 

लगभग हम-उमर रहा बड़ा भाई

मेरी ही उम्र से ताज़ा-ताज़ा निकला

मेरे ज्यादातर दोस्त, भाई के भी दोस्त थे

सब जानता था

अच्छे से मुझे पहचानता था

एक घर मे रहते हैं

शायद पढे हो छिप-छिपकर

मैंने उसके और उसने मेरे

प्रेमपत्र

पर बावजूद इसके

बड़ा भाई पिता और

छोटा पुत्र बने रहा

एक दूसरे का

सच जानकर

यही बेहतर मानकर

राज छिपे रहे

राज बने रहे,रिश्ते बने रहे

भाई बना रहा भाई

जासूस नहीं बना

 

बड़ी बहन सोचती है दूर तलक

बैठाकर रखा उसने भी अपनी पलक

छोटे थे तो पहन लेते थे एक दूसरे के कपड़े

पर अब नहीं छूते एक दूसरे की अलमारी भी

हालांकि है दोनों को एक दूसरे की जानकारी भी

पर ;

अनजान रहे ताकि

दोनों का सम्मान रहे

राज बने रहे , रिश्ते बने रहे

बहन बनी रही बहन

जासूस नहीं बनी

 

कुछ कमीनों के झुंड से तो कुछ भी छिपा नहीं

हर कांड मे वो साथ थे,छिपाने को कुछ रहा भी नहीं

शराब-शबाब,नशा-खुदा, लत-बरकत-शौहरत

सब उनके साथ ही पाई

कभी कोई बात नहीं छिपाई

एक फोन पर मिलने चले आने

वाले दोस्तों ने भी

कभी नहीं छुआ,एक दूसरे का फोन

किसी तस्वीर या मेसेज पर नहीं पूछा :ये कौन?

एक दूसरे से दस-बीस रुपये के लिए झगड़ने पर भी

किसी ने किसी की जेब मे हाथ नहीं डाला

पर्स नहीं छुआ

राज़ बने रहे ,रिश्ते बने रहे

दोस्त बने रहे दोस्त

जासूस नहीं बने   

 

'गुरु' रिश्ते मे जरूरी है 

अपनी ही एक जगह 

ताकि बनी रहे गरिमा 

ताकि रिश्ते बने रहे

प्रेम बना रहे 

प्रेमी बने ;जासूस नहीं ।



 'गुरु"

 

 

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