Saturday 10 December 2022

उसके दिल में थोड़ी सी जगह ली है मैंने….uske dil me thodi si jagah li hai maine ….a poem by “Guroo”

पल दो पल ही सही,मगर उसे ख़ुशी दी है मैंने

उसके दिल में थोड़ी सही,मगर जगह ली है मैंने


देख जो मुझको हँसे,उन खिलखिलाते होठों की क़सम

मुझसे लिपटकर रोने वाले उन हाथों की क़सम 

हद्द से बढ़कर उस से मोहब्बत की है मैंने 

उसके दिल में थोड़ी सही,मगर जगह ली है मैंने


राहों में मिलना उस से,उसकी नज़रों का शर्मसार हो झुक जाना

होठों पे गाली,डर चेहरे पर,दिल ही दिल मुस्कुराना

जिस्म से लेकर रूह तक जगह ली है मैंने 

उसके दिल में थोड़ी सही,मगर जगह ली है मैंने


मेरी आँखों में रहने वाले,मुझसे नज़रें छिपाते चलते हैं

मैंने एक महबूब नहीं बदला,वो हर रोज़ बदलते है 

“गुरू” की मोहब्बत खोटी भले,पर हर बार खरी सलाह दी है मैंने

उसके दिल में थोड़ी सही,मगर जगह ली है मैंने


“गुरू”

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