Saturday, 28 March 2015

मुझे नाकाम होने दो

अभी सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो;
मैं खुद लौट जाऊँगा मुझे नाकाम होने दो;

मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों;
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने दो...

अभी दो चार लोगो से अच्छी बनती है मेरी
मैं बदल जाऊंगा पहले दुश्मन दुनिया तमाम होने दो

मेरी मोहब्बत को मैं ही शायद बाजार में नीलाम कर दू
अभी इस दो कोडी की दुनिया में उंचा दाम होने दो

मुझे आराम की जिंदगी जीने में मजा नहीं आता अ खुदा
उसकी यादो में मेरी ज़िंदगी हराम रहने दो

मैं खुद ही लोट आऊंगा
मुझे नाकाम होने दो।।।।।।

वो मान गयी तो मेरी ज़िन्दगी में मकसद क्या बचेगा
"गुरु"को बस उसे मानाने का काम रहने दो

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