ये रिश्ते हैं बहुत हल्के,पर इनका बोझ भारी है
उससे प्यार सच्चा है,यही मेरी लाचारी है
उसकी हर गलती को नजर अंदाज़ किआ मैंने
और वो समझती है कि मुझे भूलने की बिमारी है
बड़ी मुश्किल से इन यादों से आराम आया था
बेहद गहरी बातों को थोडा बहुत भूल पाया था
एक याद ने आंसू बनकर फिर से दिल में जगह लेली
कभी इन आँखों में तेरी खातिर खून का सैलाब आया था
मैं वाकिफ हूँ तेरी हर चाल से अ-सनम अब भी
पर तुझसे प्यार उतना ही बसा दिल में है अब भी
जख्म जितने गहरे देलो,तुम्हे भूलूंगा नहीं पल भर भी
माफ़ किआ था तब भी,माफ़ कर दूंगा अब भी
"गुरु"जितना भी लिखता है,हिस्से तेरे ही आता है
हर बार तेरी गलती से,रिश्ता टूट जाता है
मैं जानता हूँ इस शतरंज में तेरी हर चाल मोहरो की
मगर बस प्यार की खातिर"गुरु"हर बार हार जाता है।।
उससे प्यार सच्चा है,यही मेरी लाचारी है
उसकी हर गलती को नजर अंदाज़ किआ मैंने
और वो समझती है कि मुझे भूलने की बिमारी है
बड़ी मुश्किल से इन यादों से आराम आया था
बेहद गहरी बातों को थोडा बहुत भूल पाया था
एक याद ने आंसू बनकर फिर से दिल में जगह लेली
कभी इन आँखों में तेरी खातिर खून का सैलाब आया था
मैं वाकिफ हूँ तेरी हर चाल से अ-सनम अब भी
पर तुझसे प्यार उतना ही बसा दिल में है अब भी
जख्म जितने गहरे देलो,तुम्हे भूलूंगा नहीं पल भर भी
माफ़ किआ था तब भी,माफ़ कर दूंगा अब भी
"गुरु"जितना भी लिखता है,हिस्से तेरे ही आता है
हर बार तेरी गलती से,रिश्ता टूट जाता है
मैं जानता हूँ इस शतरंज में तेरी हर चाल मोहरो की
मगर बस प्यार की खातिर"गुरु"हर बार हार जाता है।।
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